Friday, July 22, 2011

ka kalena kontya kshani





का  कळेना  कोणत्या  क्षणी  हरवते  मन  कसे
उमलती  कशा  धुंद  भावना अल्लड  वाटे कसे
बंध  जुळती  हे  प्रीतीचे गोड  नाते  हे  जन्मातरीचे


एक  मी  एक  तू ,शब्द  मी  गीत  तू
आकाश  तू  आभास  तू  सारयात  तू
ध्यास  मी  श्वास  तू , स्पर्श  मी  मोहर  तू
स्वप्नात  तू  सत्यात  तू साऱ्यात  तू 

का  कळेना  कोणत्या  क्षणी  हरवते  मन  कसे
उमलती  कशा  धुंद  भावना अल्लड  वाटे कसे
बंध  जुळती  हे  प्रीतीचे गोड  नाते  हे  जन्मातरीचे


घडले  कसे  कधी कळते  न जे  कधी 

हळुवार  ते  आले  कसे  ओठावरी 

देणा तू साथ दे हातात  हात  दे 

नजरेतला नजरेतुनी इकरार दे 

का  कळेना  कोणत्या  क्षणी  हरवते  मन  कसे
उमलती  कशा  धुंद  भावना अल्लड  वाटे कसे
बंध  जुळती  हे  प्रीतीचे गोड  नाते  हे  जन्मातरीचे


Ka kalena konatya kshani
Singers- Bela Shende, Swapnil Bandodkar
Music- Avinash-Vishwajeet

1 comment: