इंगा ग पोरी
पिंगा ग पोरी
पिंगा ग पोरी पिंगा
मला पिंग्यानी मला बोलाविल रात
घालवली पोरी पिंगा
लटपट लटपट कमर दामिनी अधर रागिणी हो ..
हेय .. लटपट लटपट कमर दामिनी
अधर रागिणी मेरे घर आई कैसे संज धज
देखो मेरे पिया कि सांवरी जिया से बावरी
मेरे अंगना मै देखो आज खिला है चांद
के बाजे धून झम -झम झमाक झ
तो नाचे मंन छम -छम छामाक छा
इंगा ग पोरी
पिंगा ग पोरी
पिंगा ग पोरी पिंगा (२ )
आ …
मेरे जिया मै उतारी
तुने पैहणी पिया कि कटारी
हां .. तू जाणे ये दुनियादारी
मै तू हुं बस मोहब्बत कि मारी
जो पीर मेरी है सो पीर तेरी
अरे दोनो कि मांग लागे
सुनी आधी आधी ना ..
के बाजे धून झम झम झमाक झा
तो नाचे मंन छम छम छ्माक छम
के बाजे धून झम झम झमाक झम
तो नाचे मंन छम छम छ्माक छा
इंगा ग पोरी
पिंगा ग पोरी
पिंगा ग पोरी पिंगा (४)
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